हकलाना Stammering & Speech Disorder
हकलाना यानी अटक-अटक कर बोलना। यह समस्या आमतौर पर बच्चों में होती है, और इससे माता-पिता को काफी चिंता होती है। आजकल की तेज़ जीवन में, हकलाने वाले बच्चों को अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने में मुश्किल होती है। अगर इस समस्या पर सही समय पर ध्यान दिया जाए, तो बच्चों के ठीक होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
लक्षण
1. किसी शब्द या वाक्य को शुरू करने में मुश्किल होना।
2. कुछ शब्दों को बोलने से पहले झिझक महसूस करना।
3. शब्द या वाक्य को बार-बार दोहराना।
4. बातें करते समय अचानक तेज बोलना।
5. बोलते समय आंखें तेज़ी से मिचकाना।
6. होंठों में कंपकंपाहट होना।
7. जबड़े में हिलने की अनुभूति होना।
कारण
1. आनुवंशिक (परिवार से मिलने वाला)।
2. मस्तिष्क से जुड़ी कोई समस्या होना।
3. यह समस्या ज्यादातर लड़कों में होती है।
4. तीन साल की उम्र तक यह समस्या सबसे अधिक देखी जाती है।
उपचार
A) प्राकृतिक उपचार (Natural Remedies)
1. रोज़ाना हल्के गर्म ब्राह्मी तेल से सिर की 15-20 मिनट तक मालिश करें।
2. 5 भीगे हुए बादाम और 5 काली मिर्च को मिश्री के साथ पीसकर 10 दिनों तक इसका सेवन करें।
3. बादाम का पेस्ट बनाकर उसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं और इसे सुबह खाली पेट चाट लें।
B) योगासन (Yoga Poses)
ग्रीवाचलन (गर्दन घुमाना), कोनासन, धनुरासन, हलासन, मत्स्यासन और शवासन का नियमित अभ्यास करें।
C) प्राणायाम (Breathing Exercises)
उज्जायी, भ्रामरी और मुर्च्छा प्राणायाम का अभ्यास करें।
ये सब प्राकृतिक उपचारो से बिमारी ठीक हो सकती है लेकिन ये सब करने के लिए बहुत टाइम देना पडता है l इसलिए अनुपम आयुर्वेदा कंपनीने एक उत्तम दवाई की खोज की है l
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